Mahashivratri is one of the major festivals of the Hindu religion. Shiva devotees look forward to this day throughout the year for special worship of their adorable Bhole Bhandari throughout the year. On this day, devotees try to please Shiva Shankar by offering water, milk and bell leaf on Shivalinga. It is believed that on the day of Mahashivratri, the devotees who offer the consecration or watering of Shivalinga with true heart get special blessings of Mahadev. It is said that Shiva is so naive that even if someone worships Shivling involuntarily, he gets Shiva grace. This is the reason that Lord Shiva Shankar has been called Bholenath. Let us tell you that Shivaratri which falls on the Chaturdashi of Krishna Paksha every month is called Shivaratri only. But Shivratri, which falls on the Krishna Chaturdashi of Falgun month, is called Mahashivratri. Know Maha Shivratri Vrat Katha .
महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहरों में से एक है. शिव भक्त साल भर अपने आराध्य भोले भंडारी की विशेष आराधना के लिए साल भर इस दिन की प्रतीक्षा करते हैं. इस दिन शिवालयों में शिवलिंग पर जल, दूध और बेल पत्र चढ़ाकर भक्त शिव शंकर को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से शिविलंग का अभिषेक या जल चढ़ाते हैं उन्हें महादेव की विशेष कृपा मिलती है. कहते हैं कि शिव इतने भोले हैं कि अगर कोई अनायास भी शिवलिंग की पूजा कर दे तो भी उसे शिव कृपा प्राप्त हो जाती है. यही कारण है कि भगवान शिव शंकर को भोलेनाथ कहा गया है. आपको बता दें कि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को सिर्फ शिवरात्रि कहा जाता है. लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन आने वाले शिवरात्रि (Shivratri) को महाशिवरात्रि कहते हैं. साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है. वीडियो में जानें महाशिवरात्रि व्रत कथा और क्या है महाशिवरात्रि से जुड़ी प्राचीन मान्यताएं ।
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